उनको मिलने की चाहत है
दस्तक कोई पड़ती है जब दरवाजे पे,
लगता है जैसे...
उनके आने की आहट है
उनसे बातें करने की चाहत है,
उनसे दोस्ती करने की चाहत है
उनका चेहरा जो नजर आ जाए,
लगता है जैसे...
गर्म रेगिस्तान में बारिश की राहत है
उनकी यादों में खोने की चाहत है,
उनकी साँसों में होने की चाहत है
उनकी आस पे हम तो अब जीते हैं,
कसम से मैं आज कह सकता हूँ...
अब तो हमें जन्नत की भी नहीं चाहत है
- "क्षितिज़"